श्रीशिवलघुमृत्युञ्जय स्तुति
अथ प्रारम्भः
हस्ताभ्यां कलशद्वयामृतसैराप्लावयन्तं शिरो |
द्वाभ्यां तौ दधतं मृगाक्षवलये द्वाभ्यां वहन्तं परम् || १ ||
अंकस्तकरद्व्यामृतघटं कैलासकान्तं शिवं |
स्वच्छाम्भोजगतं नवेंदुमुकुटं देवं त्रिनेत्रं भजे || २ ||
द्वाभ्यां तौ दधतं मृगाक्षवलये द्वाभ्यां वहन्तं परम् || १ ||
अंकस्तकरद्व्यामृतघटं कैलासकान्तं शिवं |
स्वच्छाम्भोजगतं नवेंदुमुकुटं देवं त्रिनेत्रं भजे || २ ||
महाकाल महाकाय महाकाल जगत्पते |
महाकाल महायोगिन महाकाल नमोस्तुते || ३ ||
महाकाल महादेव महाकाल महा प्रभो |
महाकाल महारुद्र महाकाल नमोस्तुते || ४ ||
महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोपहन |
महाकाल महाकाल महाकाल नमोस्तुते || ५ ||
भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः |
रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशुना पतये नमः || ६ ||
उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः |
भीमाय च नमस्तुभ्यं मिशानाया नमो नमः || ७ ||
ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः |
सघोजात नमस्तुभ्यं शुक्ल वर्ण नमो नमः || ८ ||
अधः काल अग्नि रुद्राय रूद्र रूप आय वै नमः |
स्थितुपति लयानाम च हेतु रूपआय वै नमः || ९ ||
परमेश्वर रूप स्तवं नील कंठ नमोस्तुते |
पवनाय नमतुभ्यम हुताशन नमोस्तुते || १० ||
सोम रूप नमस्तुभ्यं सूर्य रूप नमोस्तुते |
यजमान नमस्तुभ्यं अकाशाया नमो नमः || ११ ||
सर्व रूप नमस्तुभ्यं विश्व रूप नमोस्तुते |
ब्रहम रूप नमस्तुभ्यं विष्णु रूप नमोस्तुते || १२ ||
रूद्र रूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोस्तुते |
स्थावराय नमस्तुभ्यं जंघमाय नमो नमः || १३ ||
नमः उभय रूपाभ्याम शाश्वताय नमो नमः |
हुं हुंकार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः || १४ ||
सचिदानंद रूपाय महाकालाय ते नमः |
प्रसीद में नमो नित्यं मेघ वर्ण नमोस्तुते || १५ ||
प्रसीद में महेशान दिग्वासाया नमो नमः|
ॐ ह्रीं माया - स्वरूपाय सच्चिदानंद तेजसे || १६ ||
स्वः सम्पूर्ण मन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः|
महाकाल महायोगिन महाकाल नमोस्तुते || ३ ||
महाकाल महादेव महाकाल महा प्रभो |
महाकाल महारुद्र महाकाल नमोस्तुते || ४ ||
महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोपहन |
महाकाल महाकाल महाकाल नमोस्तुते || ५ ||
भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः |
रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशुना पतये नमः || ६ ||
उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः |
भीमाय च नमस्तुभ्यं मिशानाया नमो नमः || ७ ||
ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः |
सघोजात नमस्तुभ्यं शुक्ल वर्ण नमो नमः || ८ ||
अधः काल अग्नि रुद्राय रूद्र रूप आय वै नमः |
स्थितुपति लयानाम च हेतु रूपआय वै नमः || ९ ||
परमेश्वर रूप स्तवं नील कंठ नमोस्तुते |
पवनाय नमतुभ्यम हुताशन नमोस्तुते || १० ||
सोम रूप नमस्तुभ्यं सूर्य रूप नमोस्तुते |
यजमान नमस्तुभ्यं अकाशाया नमो नमः || ११ ||
सर्व रूप नमस्तुभ्यं विश्व रूप नमोस्तुते |
ब्रहम रूप नमस्तुभ्यं विष्णु रूप नमोस्तुते || १२ ||
रूद्र रूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोस्तुते |
स्थावराय नमस्तुभ्यं जंघमाय नमो नमः || १३ ||
नमः उभय रूपाभ्याम शाश्वताय नमो नमः |
हुं हुंकार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः || १४ ||
सचिदानंद रूपाय महाकालाय ते नमः |
प्रसीद में नमो नित्यं मेघ वर्ण नमोस्तुते || १५ ||
प्रसीद में महेशान दिग्वासाया नमो नमः|
ॐ ह्रीं माया - स्वरूपाय सच्चिदानंद तेजसे || १६ ||
स्वः सम्पूर्ण मन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः|
इत्येवं देव देवस्य महाकालस्य भैरवी ||
कीर्तितम पूजनं सम्यक सधाकानाम सुखावहम || १७ ||
कीर्तितम पूजनं सम्यक सधाकानाम सुखावहम || १७ ||
आकाशे यानि लिँगानि यानि लिंगानि भूतले पाताले यानि लिँगानि सर्वाणि लिँगानि नमोस्तुते
मृत्युंजय महादेव त्राहिमाम शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीडितं कर्म बन्धनै: ।।
संकलन- केशव शरण लुईटेल
२०७४-०७-१० गते शुक्रवार
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